Considerations To Know About संक्रामक रोग से बचने के उपाय



मंत्रालय का कहना है कि इस अवधि के बाद ज़ोकोवा की आपूर्ति के लिए कोई विशेष शर्तें लागू नहीं होंगी। मंत्रालय एक ऐसी प्रणाली स्थापित करेगा जिसके तहत प्रीफ़ैक्चर सरकारों द्वारा निर्धारित चिकित्सा संस्थानों और दवा दुकानों में यह गोली मिल सकेगी। मंत्रालय का कहना है कि निर्दिष्ट प्रतिष्ठानों की सूची स्थानीय सरकारों और अन्य संस्थाओं की वेबसाइटों पर जारी की जाएगी।

नीगाता विश्वविद्यालय के प्राध्यापक साइतो आकिहिको का कहना है कि हल्के लक्षण होने की स्थिति में संक्रमित हो जाने मात्र से पर्याप्त प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं होती। उन्होंने कहा कि यह तथ्य अच्छी तरह से ज्ञात है कि नये कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ एंटीबॉडी की मात्रा समय के साथ घट जाती है। साइतो का कहना है कि संक्रमित होने के बाद टीका लगाने से शरीर में पर्याप्त प्रतिरोधक क्षमता सुनिश्चित की जा सकती है। जहाँ तक टीका लगाने के समय का प्रश्न है, उसे लक्षण कम होने के बाद बच्चे का स्वास्थ्य सामान्य होने पर लगाया जा सकता है।

वे लोग जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में हैं

खाद्य मिलावट रोकने के मानक

हर्पीस के इलाज के लिए ऐंटी-वायरस मेडिसिन रोगी को दी जाती है।

मौसम में परिवर्तन का असर:तापमान में बदलाव से रोग-प्रतिरोधक क्षमता होती है कमजोर, घरेलू उपाय से बच सकते हैं

कई बार हाथों में लाल छोटे-छोटे पानी वाले दाने बनने लगते हैं, जिस पर बार-बार खुजली होती है। कुछ समय बाद इन दानों में पस भरने लगती है और फिर पीड़ित को प्रभावित हिस्सों में दर्द जा जलन का अहसास होना शुरू हो जाता read more है। स्किन पर दिखने वाले ये लक्षण हर्पीस के हैं।

इष्चॅरिया कोलाई – यह संक्रमित पेय व खाद्यों एवं नदी-तालाब में नहाने से फैलता है, यह एवं साल्मोनेला, लिस्टीरिया, कॅम्पीलोबॅक्टर जैसे कई सूक्ष्मजीव ग़ैर-पाश्च्युरीकृत दूध से भी फैल सकते हैं, केवल उबालने से सब नहीं मिट सकते।

परिवार के बाहर के लोगों से अपने जूतों व मौजों की अदला-बदली न करें, अपने जूते-मौजे भी समय-समय पर अपने आप धोते रहें।

संक्रामक रोगों के नियंत्रण के लिए किए जाने वाले उपायों को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है-

अगर इलाज ना किया जाए तो टीबी एक घातक स्थिति बन सकता है। सक्रिय टीबी को अगर बिना इलाज किए छोड़ दिया जाए तो यह फेफड़ों के प्रभावित करता है और खून द्वारा शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है।

वह रोग जो विशिष्ट संक्रमण प्रतिनिधि या उसके विषाक्त उत्पादों के द्वारा समुदाय के अन्य व्यक्तियों में फैलता है, संक्रामक रोग कहलाता है। मानव में किसी भी रोग की उत्पत्ति के लिए तीन कारक आवश्यक हैं— रोग के कारक, परपोषी घटक या होस्टल और पर्यावरणीय घटक। इन तीन घटकों को जानपदिकरोगी विज्ञान त्रयी कहते हैं।

बहुत से लोग टीकाकृत हैं, लेकिन उद्देश्य है कि वायरस संक्रमण से लोगों में गंभीर लक्षण पैदा न हों। संक्रमण के प्रारंभिक चरण में उपयोग करने पर दवाएँ गंभीर रूप से बीमार होने का ख़तरा घटा सकती हैं।

समिति ने दवा को स्वीकृति देने के अपने फ़ैसले को टाल दिया और इसकी और जाँच करते रहने पर सहमति जतायी।

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